जमशेदपुर: तुलसी भवन में विचार साधना सत्र 2023 का आयोजन किया गया, जिसका विषय था भारत की उदात्त ज्ञान परंपरा। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर संघ विचारक सह राज्यसभा सांसद प्रोफेसर राकेश सिन्हा थे। उन्होंने कहा कि भारत के इतिहास को कांग्रेस शासन में चयनित रूप से प्रस्तुत किया गया। मुग़ल काल को ही असली इतिहास बताया गया जिसमें क्रूरता है। इसलिए एनसीईआरटी द्वारा बदलाव आवश्यक है। उन्होंने कहा कि भारत के फलक को बढ़ाने की ज़रूरत है। प्राचीन भारत की उपलब्धियों को इतिहास से बाहर रखा गया है। आबादी का इतिहास कुछ लोगों का महिमामंडन करता है और प्रेरक प्रसंगों को छोड़ दिया गया
प्रो. सिन्हा ने कहा कि इतिहास की किताबें गुरु तेग़ बहादुर की शहादत पर मौन हैं और तुष्टिकरण की नीति के कारण गुरु गोविंद सिंह के नाबालिग बच्चों के शहादत की उपेक्षा करता है। उन्होंने कहा कि औपनिवेशिक मानकीकरण समाप्त करने में भारत की ज्ञान परंपरा कामयाब होगी। श्री सिन्हा ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने औपनिवेशिक संरचना को हटाकर राष्ट्र की अस्मिता को समृद्ध करने का कार्य किया है। भारत की ज्ञान परम्परा चुम्बक की तरह है और पश्चिम की तीखे हथियार की तरह, वहीं पश्चिम आधिपत्य द्वारा अपने ज्ञान को फैलाता है तो भारत अपने दर्शन और जीवन मूल्य के द्वारा।
कार्यक्रम की अध्यक्षता तुलसी भवन के न्यासी अरुण कुमार तिवारी, संचालन तुलसी भवन के मानद महासचिव प्रसेनजित तिवारी, धन्यवाद ज्ञापन विद्यासागर लाभ ने किया।