उपायुक्त, पूर्वी सिंहभूम के द्वारा डिमना चौक, मानगो के आसपास लावारिस हालत में भटक रही एक महिला को एमजीएम अस्पताल या आश्रय गृह ले जाने का निर्देश दिया गया। मानगो नगर निगम के सीएमएम और उनकी टीम द्वारा आसपास खोजने के उपरांत एवं लोगों से पूछताछ करने के उपरांत महिला के बारे जानकारी प्राप्त हुई। उक्त महिला विक्षिप्त महिला है, और पत्थर कंकड़ फेंकती थी । उसकी उम्र लगभग 25 से 30 साल के अंदर प्रतीत होता है ।
आसपास के लोगों ने बताया कई दिनों से डिमना क्षेत्र में भटक रही है। वह विक्षिप्त महिला डिमना रोड में देखी गई जहां एक कोने में बैठी हुई थी और उसके पास पर्याप्त कपड़ा भी नहीं था तथा कुछ-कुछ बड़बड़ा रही थी और उसका बाल में जटा लगा हुआ था देखने से बहुत ही कमजोर और बेबस दिख रही थी।
विक्षिप्त महिला के पास पर्याप्त कपड़ा नहीं होने के कारण सर्वप्रथम उसे कपड़ा खरीद कर दिया गया एवं टीम के द्वारा खाने के लिए बिस्किट, पानी आदि दिया गया । उसके बाद काफी मुश्किल से सीएमएम, महिला नगर प्रबंधक, महिला होमगार्ड एवं थाना के सहयोग से एमजीएम सरकारी अस्पताल पहुंचाया गया।
चुकी महिला विक्षिप्त थी इसीलिए उसे शेल्टर होम नहीं ले जाकर एमजीएम अस्पताल पहुंचाया गया। इसके उपरांत इससे संबंधित जानकारी धालभूम के एसडीओ और एमजीएम के प्रभारी डॉक्टर को दिया गया, उन्होंने बताया कि जल्द ही प्राथमिक उपचार के उपरांत रांची ,कांके भेजा जाएगा।
तत्पश्चात उस विक्षिप्त महिला को बेहतर इलाज के लिए रिनपास, कांके, रांची ले जाने की तैयारी की गई एवं सिविल सर्जन तथा एसडीओ धालभूम के सहयोग से रिनपास कांके भेजा गया।
रिनपास कांके जाने के लिए टीम का गठन किया गया एमजीएम के कर्मी, महिला होमगार्ड एवं कार्यालय मानगो नगर निगम के सीओ पुष्पा टोप्पो एवं रोमानी हसदा को विक्षिप्त महिला को पहुंचाने के लिए रांची भेजा गया।
गठित टीम के द्वारा एंबुलेंस के माध्यम से बहुत मुश्किल से रिनपास ,कांके पहुंचाया गया जहां आवश्यक प्रोसेस करते एडमिशन कराया गया। उम्मीद है कि उक्त विक्षिप्त महिला जल्द ठीक होकर अपने घर को लौट जाएं। उपायुक्त के सम्वेदनशील प्रयास के कारण एक महिला जिसका कोई नहीं था उसे बेहतर इलाज के लिए कांके ,रांची तक पहुंचाया जा सका।