जमशेदपुर : कोलकाता उच्च न्यायालय द्वारा कुर्मी समुदाय द्वारा घोषित रेल रोको आन्दोलन को अवैध घोषित किये जाने के बाद अब झारखण्ड में इसका असर दिख रहा है. आदिवासी कुड़मी समाज की ओर से बुधवार से नीमडीह स्टेशन पर घोषित अनिश्चितकालीन रेल टेका व डहर छेंका आंदोलन को देखते हुए पुलिस और जिला प्रशासन दोनों हाई अलर्ट मोड में है। स्टेशन परिसर समेत आसपास के पूरे क्षेत्र को आधी रात के बाद से ही पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया है। आंदोलन को देखते हुए प्रशासन ने मंगलवार को ही स्टेशन व आसपास के क्षेत्र में निषेधाज्ञा लगा दी है। रघुनाथपुर मोड़ से ही पुलिस बल की तैनाती कर दी गई है। पुलिस-प्रशासन आंदोलनकारियों को गिरफ्तार करने के मूड में है। विदित हो कि आदिवासी कुड़मी समाज ने कुड़मी को आदिवासी (एसटी) सूची में सूचीबद्ध करने समेत दो अन्य मांगों के समर्थन में नीमडीह रेलवे स्टेशन पर अनिश्चितकालीन रेल टेका-डहर छेंका आंदोलन करने की घोषणा की है।
आदिवासी कुड़मी समाज के आह्वान पर बुधवार की सुबह से ही नीमडीह व आसपास के क्षेत्र में कुड़मी समाज के लोग जुटने लगे। पीला साड़ी व पीला धोती पहने लोग हाथों में झंडा बैनर लेकर आंदोलन स्थल की ओर जा रहे हैं। गांव-गांव से लोगों का हुजूम उमड़ने लगा है। सभी एक साथ चारों ओर से स्टेशन पहुंचने के लिए निकल रहे हैं। चांडिल अनुमंडल क्षेत्र के अलावा यहां पटमदा, बोड़ाम समेत पूर्वी सिंहभूम, सरायकेला-खरसावां जिला व पश्चिम बंगाल से बड़ी संख्या में कुड़मी समाज के लोगों के जुटने का अनुमान है। आंदोलनकारी इसे आखिरी और आरपार की लडाई बता रहे हैं। वैसे पुलिस-प्रशासन की तैयारी भी पुख्ता है। हालांकि समाचार लिखे जाने तक सभी ट्रेनें अपने निर्धारित समय से चल रही हैं।
गौरतलब है कि लगातार कुड़मी आंदोलन और रेल चक्का जाम के कारण आम लोगों को खासा परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, लेकिन इससे किसी कोई सरोकार नहीं है। हालांकि मामले में अब कोर्च ने दखल दिया है। कोलकाता हाईकोर्ट द्वारा आंदोलन को अवैध घोषित किए जाने के बाद, रेलवे ने भी ट्रेनों को रद्द करने का आदेश वापस ले लिया है।
इधर आंदोलनकारियों ने अब झारखंड में आंदोलन तेज करने का ऐलान किया है। कुड़मी संगठन के लोग सुबह से चांडिल अनुमंडल के नीमडीह में जुटने लगे मगर रेलवे व जिला प्रशासन की सख्ती के आगे आंदोलनकारी रेल ट्रैक तक नहीं पहुंच सके। आंदोलन को लेकर दक्षिण पूर्व रेलवे के आद्रा प्रमंडल के अधीन चांडिल जीआरपी और आरपीएफ की पुलिस बल की तैनाती जगह- जगह की गई है। रेलवे ट्रैक से 100 मीटर दूरी पर धारा 144 लागू किया गया है। रेल परिचालन धीरे- धीरे शुरू किया जा रहा है।
अनिश्चितकालीन रेल रोको आंदोलन के पहले दिन स्थिति सामान्य नजर आई। आद्रा प्रमंडल रेलवे के नीमडीह स्टेशन में आंदोलनकारी अपनी मांग को लेकर पहुंचे मगर रेलवे ट्रैक से 200 मीटर दूरी पर ही रेल पुलिस बल द्वारा घेराबंदी किये जाने की वजह से आंदोलनकारी रेलवे ट्रैक पर नहीं पहुंच सके। सभी लोग रघुनाथपुर से नीमडीह जाने वाली सड़क पर जमे रहे। हालांकि आंदोलन का असर स्टेशन पर नहीं देखा गया।
दक्षिण पूर्व रेलवे आद्रा मंडल के अधीन कुस्तौर स्टेशन पर आरपीएफ एवं जीआरपी के जवानों ने पैदल मार्च किया। रेलवे ट्रैक के आसपास जाने वाले आंदोलकारी को अरेस्ट करने की चेतावनी दी गई है। पश्चिम बंगाल के कुड़मी आंदोलनकारी नेता अजीत महतो ने रेल ट्रैक पर न उतरने की बात कही। वहीं मुरी डिविजन में मुरी स्टेशन और आद्रा डिवीजन के नीमडीह रेलवे स्टेशन को कुड़मी संगठनों ने 20 सितंबर को रेल चक्का जाम की चेतावनी दी थी।