जमशेदपुर: विधायक सरयू राय ने उपायुक्त को पत्र लिखकर किसी अभ्यारण्य की 10 किलोमीटर की परिधि में हथियार का लाइसेंस के मामले में वन्य जीव संरक्षण अधिनियम-1972 की धारा-34 और धारा-51 एवं अन्य सुसंगत प्रावधानों के अंतर्गत कार्रवाई की जरूरत बताई है। उन्होंने कहा कि धारा-51 के अनुसार किसी अभ्यारण्य के 10 किलोमीटर की परिधि में किसी भी प्रकार के हथियार के लिए लाइसेंस लेने के लिए मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक से अनुशंसा प्राप्त करना जरूरी है। अधिनियम का यह प्रावधान लाइसेंस लेने और जारी करनेवाले दोनों पर लागू होता है। उन्होंने कहा कि जमशेदपुर शहर दलमा अभ्यारण्य से 10 किलोमीटर की परिधि के अंतर्गत है। इस संदर्भ में समीक्षा होनी चाहिये कि दलमा अभ्यारण्य की अधिसूचना निर्गत होने के उपरांत जितने भी व्यक्तियों को हथियार खरीदने के लिए लाइसेंस निर्गत हुए हैं, उन्होंने मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक से इस हेतु अनुमति प्राप्त किया है या नहीं?
इस मामले में उन्होंने राज्य सरकार के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता के मामले को उठाया है। उन्होंने कहा है कि बन्ना गुप्ता जमशेदपुर के कदमा क्षेत्र के निवासी हैं। उन्होंने हाल ही में एक प्रतिबंधित पिस्टल जी-ग्लाक खरीदा है। श्री राय ने जानना चाहा है कि क्या उन्होंने हाथियार एवं लाइसेंस लेने के लिए उपर्युक्त अनुमति प्राप्त की है? और क्या उन्हें लाइसेंस निर्गत करनेवाले अधिकारी ने इसका सत्यापन किया है?
वन्यजीव संरक्षण अधिनियम-1972 को उपर्युक्त प्रावधानों से स्पष्ट है कि बिना मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक से अनुमति लिये लाईसेंस निर्गत होना और उस लाईसेंस के आधार पर हथियार खरीद करना दोनों ही गैरकानूनी है। श्री राय ने कहा है कि वन्यजीव संरक्षण अधिनियम-1972 के प्रावधान 34 और 31 को देखने से स्पष्ट होता है कि बिना मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक की अनुमति के ऐसे हथियार रखनेवाला तथा हथियार का लाइसेंस लेने वाले व्यक्ति तीन वर्ष तक की सजा अथवा 25 हजार रूपये का अर्थदंड या दोनों ही का भागी होगा।
इस मामले से अवगत कराते हुए श्री राय ने वन्यजीव संरक्षण अधिनियम-1972 के सुसंगत प्रावधानों के आलोक में पूर्वी सिंहभूम जिला के सक्षम अधिकारी ने दलमा अभ्यारण्य की अधिसूचना जारी होने के बाद मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक की अनुमति लिये बिना अथवा उन्हें सूचित किये बिना जिस किसी को भी हथियार का लाइसेंस निर्गत किया है, चाहे वह मंत्री है या आम लोग, उसके लाइसेंस की समीक्षा कर कार्रवाई की जरूरत बताई है।