सेंट्रल गुरुद्वारा प्रबंधक कमिटी (सीजीपीसी) की महत्वाकांक्षी शिक्षा परियोजना ‘सिख विजडम’ को आख़िरकार पंख लग ही गए जिसका उद्घाटन रविवार को साकची स्थित रामगढ़िया सभा में आयोजित किया गया।
उद्घाटन मौके पर मुख्य अतिथि के रूप में अनुमंडलाधिकारी पीयूष सिन्हा ने भविष्य के स्कॉलरों के साथ सफल होने के अपने अनुभव साझा किये। इस अवसर पर छात्र-छात्राओं और उनके परिजनों को संबोधित करते हुए श्री सिन्हा ने कहा कि बच्चे शेड्यूल बनाकर ही पढ़ाई की तैयारी करें इससे ज़रूर सफलता मिलेगी। पीयूष सिन्हा ने कड़ी मेहनत को सफलता का सूत्र बताया साथ ही साथ उन्होंने बच्चों को नशीले और मादक पदार्थों से दूर रहने का परामर्श भी दिया। पीयूष सिन्हा ने कहा शिक्षा सभी नागरिकों का समान अधिकार है और एक शिक्षित समाज ही देश के भविष्य की इबारत गढ़ता है।
सिख विजडम के संस्थापक, कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि, सीजीपीसी के प्रधान सरदार भगवान सिंह ने कहा कि सीजीपीसी की शिक्षा विंग ने मनप्रीत भाटिया क्लासेज़ और मास्टर माइंड्स के शिक्षाविदों के सहयोग से यह शिक्षा का लंगर लगाया है, और वे उम्मीद करते हैं कि इस लंगर का लाभ जरुर लेंगे। उद्घाटन समारोह मौके पर सभी पंजीकृत छात्र-छात्राएँ अपने परिजनों के साथ उपस्थित रहे। इस अवसर पर सिख विजडम की फैकल्टी को सम्मानित भी किया गया।
तख़्त श्री हरमंदिर साहिब पटना के महासचिव सरदार इंदरजीत सिंह ने भी इस मौके पर शिरकत कर अपने विचार साझा किए। शहर के जाने माने डॉक्टर हरप्रीत सिंह, डॉक्टर कुलवंत सिंह और डॉक्टर राजेंद्र सिंह ने भी इस अवसर पर उपस्थित होकर अपने अनुभव साझा किए। सिख विजडम में चयनित छात्र जल्द ही कोचिंग प्राप्त करेंगे।
समारोह में सभी गुरुद्वारा कमिटी के प्रतिनिधियों के अलावा सरदार इंदरजीत सिंह, सरदार शैलेंद्र सिंह, सरदार निशान सिंह, गुरचरण सिंह बिल्ला, अमरजीत सिंह, कुलविंदर सिंह पन्नु सहित सिख समाज के कई गणमान्य शख़्सियतें ने इस मौके पर पहुंच कर कार्यक्रम की शोभा बढ़ायी।
उल्लेखनीय है कि भविष्य के स्कॉलर्स बनाने के लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए ‘सिख विजडम’ जैसे मंच की स्थापना की गयी है।
शिक्षा विंग के कुलविंदर सिंह पन्नू और परविंदर सिंह सोहल ने बताया कि शहर के जानेमाने शिक्षाविद ‘मनप्रीत भाटिया क्लासेज’ के मनप्रीत सिंह भाटिया और ‘मास्टर माइंडस’ के मनदीप सिंह भाटिया ने कोचिंग सेवा देने की सहर्ष सहमति दी है।
परविंदर सिंह सोहल ने बताया कि जमशेदपुर में सेन्ट्रल गुरुद्वारा प्रबंधक कमिटी के द्वारा सिख छात्रों को उच्च शिक्षा के क्षेत्र में बढ़ावा देने हेतु नि:शुल्क कोचिंग क्लासेस की शुरुवात की जा रही है, शहर के दो प्रतिष्ठित कोचिंग सेंटर के द्वारा छात्रों को शिक्षा दी जाएगी।
शिक्षाविद मनप्रीत सिंह भाटिया और मनदीप सिंह भाटिया ने विस्तारपूर्वक बताते हुए कहा कि कक्षा 11वीं तथा 12वीं के तीनो स्ट्रिम के छात्रों का नामांकन ले लिया जा गया है रेजिस्ट्रेशन हो चूका है, अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस इस कोचिंग सेंटर मे उच्च स्तर के शिक्षा के लिए तैयार किया जायेगा। मौके पर सिजीपीसी के प्रधान भगवान सिंह ने बताया की सिख गुरुओं ने तीन तरह के लंगर की शुरुआत की थी जिसमे भोजन के अलावे शिक्षा और स्वास्थ्य था, और फिलहाल भोजन के अलावे बाकि दोनों लंगरों मे हम पीछे है, और अब शिक्षा के लंगर को आगे बढ़ाने हेतु यह आगाज किया जा रहा है। साकची गुरुद्वारा साहिब संचालित मॉर्डन स्कुल में कोचिंग सेंटर बनाया गया है जहाँ क्लास होगीं। पहले चरण मे अब तक करीब 100 से अधिक छात्रों का रेजिस्ट्रेशन किया जा चूका है, हर तबके के सिख छात्र यहाँ नि:शुल्क शिक्षा प्राप्त कर पाएंगे।
सीजीपीसी के अध्यक्ष भगवान सिंह ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में कुछ बेहतर करने के उद्देश्य से काफी दिनों के मंथन चल रहा था। अंतत: प्राइवेट कोचिंग के तर्ज पर सिख समुदाय के बच्चों को नि:शुल्क कोचिंग प्रदान करने पर सहमति बनी। जिसके लिए 13 सदस्यों की कमिटी शिक्षा विंग बनाई गई। भगवान सिंह ने बताया कि सिख विजडम के नाम से कोचिंग क्लास का संचालन शिक्षाविद् मनप्रीत सिंह भाटिया एवं मनदीप सिंह करेंगे। मनप्रीत सिंह भाटिया ने बताया कि शुरुआती दौर में आईसीएसई और सीबीएसई के 11वीं एवं 12वीं कक्षा के आर्टस्, कॉमर्स और साइंस के लिए कोचिंग शुरू की जाएगी। छात्रों के रुझान को देखते हुए इसमें बदलाव किए जा सकते हैं। उन्होंने बताया कि बच्चों को विषय के अलावा उनके व्यक्तिव विकास के लिए क्लास होंगे साथ ही उन्हें इंगलिश स्पीकिंग कोर्स भी कराया जाएगा। मास्टर माइंड्स के मनदीप सिंह भाटिया ने कहा कि रविवार को इंडक्शन क्लास का आयोजन किया जा चुका है अब बच्चों से सुझाव लेकर क्लास का समय निर्धारित किया जायेगा। उद्घाटन समारोह को सफल बनाने में मुख्य रूप से अमरजीत सिंह, चंचल सिंह, सूखदेव सिंह बिट्टू, जगतार सिंह नागी, गुरनाम सिंह बेदी, सुरेन्द्र सिंह छिन्दे, गुरचरण सिंह बिल्ला, हरजिंदर सिंह, अर्जुन सिंह वालिया, मनप्रीत सिंह भाटिया, मनदीप सिंह भाटिया, सुखविंदर सिंह और हरबंस सिंह का उल्लेखनीय योगदान रहा।