जमशेदपुर
शनिवार को एक्सएलआरआई के 66 वें दीक्षांत समारोह का आयोजन हुआ। समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में अपोलो हॉस्पिटल्स इंटरप्राइज लिमिटेड की एग्जीक्यूटिव वाइस चेयरमैन डॉ प्रीता रेड्डी, जबकि विशिष्ट अतिथि के रूप में टाटा स्टील के ग्लोबल सीइओ सह एमडी टीवी नरेंद्रन उपस्थित थे। इस दौरान एक्सएलआरआई से पास आउट होने वाले कुल 497 विद्यार्थियों को मेडल व सर्टिफिकेट प्रदान किया गया। इस मौके पर एक्सएलआरआई के डायरेक्टर फादर पॉल फर्नांडीस एसजे ने कहा कि समय के साथ-साथ हम लगातार आगे बढ़ रहे हैं। लेकिन जिस प्रकार से कोविड काल के दौरान इस जेनरेशन ने जिस कठिन दौर को देखा है, उसने पूरे देश को मानवता के सूत्र में पिरोया। उन्होंने मेडल लेने वाले हर विद्यार्थी से समाज के साथ ही मानवता के हित में कार्य करने का आह्वान किया। कहा कि आज समाज को अवश्य लौटाएं।
भारत सरकार व राज्य सरकार अब हेल्थकेयर पर खर्च कर रही : टीवी नरेंद्रन, एमडी टाटा स्टील
टाटा स्टील के एमडी सह एक्सएलआरआई के गर्वनिंग बॉडी के चेयरमैन टीवी नरेंद्रन ने कहा कि आपको इस लायक बनाने में आपकी मेहनत के साथ-साथ आपके दोस्त, परिजन, भाई-बहन सभी का अहम योगदान है। कहा कि अब तक आपको एकेडमिक लाइफ में जब कभी भी किसी प्रकार की समस्या होती थी तो टीचर व मेंटर आपकी मदद के लिए 24 घंटे तैयार रहते थे, लेकिन व्यावहारिक जीवन में प्रवेश करने के साथ ही उनकी चुनौतियां काफी बढ़ गयी है। अब अपने आइक्यू व डिसीजन मेकिंग एबिलिटी के जरिये आपको सेकेंड भर में ही लाइफ में कई कठिन निर्णय लेने होंगे।
उन्होंने कहा कि हर कोई फेलियर से गुजरता है, लेकिन उससे सीखने की जरूरत है। कोविड ने पूरे विश्व के लिए समस्या पैदा किया, लेकिन समस्या से ही निदान भी निकल कर सामने आया। वैक्सीनेशन से लेकर कोविड ने हमें स्वच्छता से रहन-सहन का तरीका भी सिखाया। उन्होंने पर्यावरण संरक्षण पर बल दिया। अंत में श्री नरेंद्रन ने कहा कि आपको बेहतर बनाने में प्रत्यक्ष व परोक्ष रूप से समाज का भी योगदान है, यही कारण है कि आप समाज को जरूर वापस करें।
कोविड काल में भारत हेल्थ केयर के मामले में बना आत्मनिर्भर : डॉ रेड्डी
दीक्षांत भाषण देते हुए अपोलो हॉस्पिटल्स इंटरप्राइज लिमिटेड की एग्जीक्यूटिव वाइस चेयरमैन डॉ प्रीता रेड्डी ने सभी को संबोधित करते हुए कहा कि उन्हें भले सर जहांगीर घांदी मेडल फॉर सोशल एंड इंडस्ट्रियल पीस का अवार्ड दिया गया है, लेकिन इस अवार्ड के हकदार देश के करोड़ों डॉक्टर, नर्सिंग स्टाफ, स्वयंसेवी कार्यकर्ता व सफाई कर्मी हैं, जिन्होंने कोविड काल में अपने जान की परवाह किये बिना लोगों की जान बचायी। उन्होंने कहा कि देश में शांति, औद्योगिक विकास, हेल्थकेयर विकास करने की जिम्मेवारी सिर्फ सरकार की नहीं होनी चाहिए, निजी क्षेत्र की भी इसमें अहम जिम्मेवारी बनती है।
कोविड काल ने क्राइसिस से लड़ना सिखाया
डॉ रेड्डी ने कहा कि कोविड काल ने देश के साथ ही आम जनमानस को क्राइसिस से लड़ना सिखाया। उन्होंने भारत में कोविड नियंत्रण को लेकर किये गये पहल की सराहना की। कहा कि उन्हें गर्व है कि वे भारतीय हैं, क्योंकि पिछले दिनों जब वे हावार्ड व बोस्टन यूनिवर्सिटी गयी थीं तो वहां देखा कि उन दोनों यूनिवर्सिटी में केस स्टडी के रूप में ये पढ़ाई हो रही थी कि आखिर भारत जैसे देश ने किस प्रकार से कोविड पर नियंत्रण पाया।
इंडिया के डीएनए में है गिव बैक करना
डॉ रेड्डी ने कहा कि कोविड ने भारत को हेल्थकेयर सिस्टम के क्षेत्र में आत्म निर्भर बनाया। क्योंकि पूर्व में जहां हम 75 प्रतिशत पीपीई किट विदेशों से मंगवाते थे, वहीं अब हम इस स्थिति में हैं कि उसे निर्यात कर रहे हैं। वेंटिलेटर के मामले में हम विदेशों पर निर्भर रहते थे, लेकिन कोविड काल में जब लोगों की जान बचाने का वक्त आया तो मेट्रॉनिक्स कंपनी ( वेंटिलेटर बनाने वाली कंपनी ) ने अपने पेटेंट राइट्स हटा लिए। जिसके बाद महिंद्रा व टाटा ने 48 घंटे के भीतर वेंटिलेटर तैयार कर लिए। ऑक्सीजन सप्लाई में जमशेदपुर ने शानदार कार्य किया। उन्होंने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि इंडिया के डीएनए में है सोसाइटी को गिव बैक करना। उस डीएनए को आगे बढ़ाने का आह्वान किया।