मुंबई
टाटा स्टील (Tata Steel) ने 5 मार्च, 2022 को नागपुर में आयोजित एक समारोह में अपने तैयार स्टील उत्पादों के परिवहन के लिए तरलीकृत प्राकृतिक गैस (एलएनजी) संचालित वाहनों के अपने पहले बैच को हरी झंडी दिखाई। टाटा स्टील की यह पहल कार्बन-न्यूट्रल भविष्य की दिशा में चल रहे प्रयास का एक हिस्सा है।
टाटा स्टील के लॉजिस्टिक्स विभाग के मार्गदर्शन में, इसके वेंडर पार्टनर्स अश्मी लॉजिस्टिक्स और श्रेयस एसोसिएट्स ने नागपुर में उत्पादों की स्थानीय आवाजाही के लिए दो-दो वाहन तैनात किए हैं। वाहनों का लक्ष्य लगभग 1,000 मीट्रिक टन उत्पाद का परिवहन करना है। एलएनजी (LNG) वाहन सल्फर डाइऑक्साइड का उत्सर्जन नहीं करते हैं और उनका एनओएक्स और ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन अन्य ईंधन से चलने वाले वाहनों की तुलना में 85% कम है।
पिछले तीन दशकों में, टाटा स्टील ने जलवायु परिवर्तन को कम करने और इससे संबंधित जोखिमों का प्रबंधन करने के लिए सप्लाई चेन सहित विभिन्न क्षेत्रों में ठोस प्रयास किए हैं। टाटा स्टील ने वित्त वर्ष 20 में अपनी रिस्पॉन्सिबल सप्लाई चेन पॉलिसी लांच की जो इसके सभी सप्लाई चेन निर्णयों और प्रक्रियाओं के लिए “पर्यावरण संरक्षण” को एक अभिन्न सस्टेनेबिलिटी सिद्धांत के रूप में निर्दिष्ट करती है।
इस साल फरवरी में, टाटा स्टील पश्चिम बंगाल में हल्दिया बंदरगाह से असम में पांडु बंदरगाह तक अंतर्देशीय जलमार्गों का उपयोग करके माल परिवहन करने वाली पहली भारतीय स्टील निर्माता बन गयी, जो एक सस्टेनेबल भविष्य के निर्माण के लिए इसकी प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है। जुलाई 2021 में, कंपनी ने अपने पूर्ववर्ती टाटा स्टील बीएसएल के साहिबाबाद प्लांट और उत्तर प्रदेश में पिलखुवा स्टॉकयार्ड से तैयार माल के परिवहन के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग की शुरुआत की थी।
टाटा स्टील पिछले साल समुद्री व्यापार में ‘स्कोप 3’ ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करने के लिए सी कार्गो चार्टर में शामिल होने वाली दुनिया की पहली स्टील उत्पादक बन गयी। कंपनी को “ए” रेटिंग दी गयी है और जीएचजी उत्सर्जन को कम करने तथा अपने सप्लाई चेन में जलवायु-परिवर्तन के जोखिमों से निपटने के लिए अपनी पहल के लिए, सीडीपी, एक वैश्विक पर्यावरणीय गैर-लाभकारी चैरिटी द्वारा इसे 2021 के ‘सप्लायर एंगेजमेंट लीडर’ के रूप में सूचीबद्ध किया गया है।