जमशेदपुर: सरकारी स्कूल के शिक्षकों ने ग्रीष्मावकाश में वार्षिक परीक्षा का मूल्यांकन और रिजल्ट प्रकाशित करने के जेसीईआरटी के निदेशक के आदेश का विरोध किया है। इस विरोध के फलस्वरूप विभाग द्वारा आदेश में संशोधन कर दिया गया है। शिक्षकों का कहना है कि जेसीईआरटी के निदेशक द्वारा कक्षा एक से सात तक की संपन्न वार्षिक परीक्षा का मूल्यांकन ग्रीष्मावकाश में करने तथा ग्रीष्मावकाश में ही 1 जून को विद्यालय खोलकर रिजल्ट प्रकाशित कर अभिभावकों की उपस्थिति में बच्चों को प्रगति पत्र वितरित करने का आदेश दिया गया था। अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ द्वारा ग्रीष्मावकाश अवधि में मूल्यांकन कार्य करने सहित विद्यालय खोलकर प्रगति पत्र वितरित करने पर आपत्ति जताते हुए ज्ञापन देकर वार्ता की गई थी। संघ ने कहा था कि शिक्षकों द्वारा ग्रीष्मावकाश में शादी विवाह, चिकित्सा, घूमने या अन्य आवश्यक कार्य हेतु कार्यक्रम निर्धारित किया जाता है तथा एक-दो माह पूर्व से ही इससे संबंधित रिजर्वेशन या अन्य व्यवस्था की जाती है। अचानक ग्रीष्मावकाश से पूर्व अवकाश अवधि में विद्यालय खोलना तथा मूल्यांकन कार्य का आदेश देना कहीं से नयायोचित नहीं है। कहा कि शिक्षकों को ग्रीष्मावकाश अवधि में अवकाश उपभोग के कारण ही अन्य कर्मियों के मुकाबले बहुत कम अर्जित अवकाश देय होता है। जहां अन्य कर्मियों को 1 वर्ष में 33 अर्जित अवकाश देय है वहीं शिक्षकों को केवल 14 अर्जित अवकाश देय होता है। ऐसी स्थिति में ग्रीष्मावकाश अवधि में शिक्षकों से कार्य लिया जाना कहीं से न्यायोचित नहीं है।
बातों को सुनने के बाद जेसीईआरटी निदेशक ने अपने पूर्व जारी आदेश को संशोधित कर ग्रीष्मावकाश में शिक्षकों को मूल्यांकन कार्य सहित विद्यालय खोलकर रिजल्ट देने संबंधी कार्य से मुक्त कर दिया है। संघ की मांग पर जारी संशोधित आदेश पत्र में अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ द्वारा की गई मांग को अंकित करते हुए ग्रीष्मावकाश के उपरांत मूल्यांकन कार्य कर 10 जून 2023 तक रिजल्ट देने का निर्देश दिया गया है।
अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ के वरीय शिक्षक नेता सुनील कुमार ने इसे शिक्षकों की बड़ी जीत बताते हुए जेसीईआरटी निदेशक सहित प्रदेश के सभी शिक्षकों के प्रति आभार जताया है।