चाकुलिया : चाकुलिया के केरूकोचा हाट मैदान में मंगलवार को शहीद साबुआ हांसदा के 36वें शहादत दिवस के अवसर पर शहीदों को श्रद्धांजलि सभा सह परिसंपत्ति वितरण समारोह का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन शहीदों की स्मृति में श्रद्धांजलि सभा- सह- परिसंपत्ति वितरण समारोह में सम्मिलित हुए. इस दौरान समारोह के पूर्व हेलीपैड पर एसएसपी किशोर कौशल, डीडीसी मनीष कुमार और विधायकों ने सीएम को गुलदस्ता देकर स्वागत किया. इसके उपरांत सीएम ने शहीद साबुआ हांसदा के स्मारक स्थल पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी. फिर मुख्यमंत्री बहरागोड़ा के बांसदा चौक पहुंचे और यहां शहीद गणेश हांसदा की मूर्ति पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि दी. इसके बाद केरूकोचा चौक पर स्थापित शहीद साबुआ हांसदा की मूर्ति पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि दी. समारोह का उद्घाटन सीएम हेमंत सोरेन ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया. समारोह को आदिवासी कल्याण मंत्री चंपई सोरेन, स्वास्थ्य मंत्री बना गुप्ता, घाटशिला के विधायक रामदास सोरेन, बहरागोड़ा के विधायक समीर कुमार महंती ने भी संबोधित किया.
इस दौरान मुख्यमंत्री ने 11 लाख 14 हज़ार 756 लाभुकों के बीच 757 करोड़ 4 लाख 99 हज़ार 9 सौ रुपए की परिसंपत्तियों का किया वितरण किया.
जनजातीय पारंपरिक शासन व्यवस्था के पदाधिकारी- मानकी -मुंडा, माझी, जोग, गोड़ेत, नाई, परगनैत आदि को आवास देने की मुख्यमंत्री ने घोषणा की मुख्यमंत्री ने कहा की परिस्थितियों चाहे कैसी भी हो, राज्य के विकास को गति देने का काम निरंतर जारी रहेगा.
मुख्यमंत्री ने नौजवानों से कहा- राइस मिल लगाने के लिए आगे आएं, सरकार विशेष व्यवस्था करेगी शहीदों और उनके परिजनों को मान- सम्मान और हक -अधिकार देने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है , राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में मेडल जीतने वालों की हो रही सीधी नियुक्ति.
समारोह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि झारखंड वीरों की धरती है. भगवान बिरसा मुंडा, सिदो- कान्हू, तिलका मांझी और नीलांबर पीतांबर जैसे अनेकों वीर शहीदों ने अंग्रजों और शोषण तथा अन्याय के खिलाफ संघर्ष का नेतृत्व करते-करते अपनी शहादत दे दी. आज भी कई ऐसे वीर शहीद हैं, जो गुमनाम है उनकी पहचान कर कर उन्हें सम्मान देने की दिशा में सरकार लगातार प्रयास कर रही है. शहीदों और उनके परिजनों को पूरा मान सम्मान देना हमारा संकल्प है. मुख्यमंत्री ने कहा कि जब से हमारी सरकार बनी है तब से कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा है. सरकार बनने के साथ कोरोना महामारी ने हमें घेर लिया. जब कोरोना से जंग में जीत हासिल हुई तो कम बारिश की वजह से सुखाड़ की परिस्थितियां पैदा हो गई. लेकिन हमारी सरकार इन चुनौतियों से निपटते हुए विभिन्न योजनाओं के माध्यम से राज्य और राज्यवासियों को मजबूती देने का काम कर रही है. हम इस बात के लिए प्रतिबद्ध हैं कि परिस्थितियों चाहे कैसी भी हो, राज्य के विकास को गति देने का काम निरंतर जारी रहेगा. सीएम ने कहा कि अधिकांश समय तक भाजपा ही सत्ता में रही. भाजपा के नेतृत्व में राज्य का विकास नहीं विनाश हुआ. सीएम ने कहा कि दिशोम गुरु शिबु सोरेन ने झारखंड को अलग राज्य का दर्जा दिलाने के लिए लंबी लड़ाई लड़ी, तब जाकर वर्ष 2000 में अलग राज्य मिला. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में शिक्षा की बेहतरीन के लिए सरकार लगातार कम कर रही है. बच्चों को उच्च और गुणवत्तायुक्त शिक्षा मिले, इसके लिए विद्यालयों में सुविधा और इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत किया जा रहा है. स्कूल ऑफ़ एक्सीलेंस खोले गए हैं. यहां के शिक्षकों को आईआईएम अहमदाबाद में प्रशिक्षण दिलाया गया है ताकि वे आधुनिक तरीके से बच्चों को पढ़ सकें. इतना ही नहीं, बच्चों की स्कूली शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा तक और प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी से लेकर विभिन्न कोर्सेज को करने के लिए सरकार आर्थिक मदद कर रही है. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है. इस बाबत बनाई गई उद्योग नीति में उद्योग लगाने वालों को सरकार की ओर से कई सुविधाएं दी जा रही हैं. उन्होंने कहा कि चाकुलिया बहरागोड़ा और घाटशिला जैसा इलाकों में कभी कई राइस मिल थे. लेकिन आज हालात अच्छे नहीं है. हमारी सरकार ने राइस मिलों को बढ़ावा देने की दिशा कई निर्णय लिए हैं. एक दर्जन से ज्यादा राइस मिल खोलने की अनुमति दी गई है और जल्द ही ये सभी चालू हो जाएंगे. उन्होंने कहा कि राइस मिल खोलने वालों को 40 प्रतिशत अनुदान सरकार दे रही है. मुख्यमंत्री ने नौजवानों से कहा कि वे राइस मिल समेत अन्य उद्योग लगाने के लिए सामने आएं. आपके लिए सरकार विशेष व्यवस्था करेगी. उन्होंने कहा कि इससे रोजगार सृजन को बढ़ावा मिलेगा और राज्य की अर्थव्यवस्था भी मजबूत होगी. राज्य में गठबंधन सरकार बनने के बाद सरकार ने हर विपत्तियों से लड़कर राज्य का विकास किया. हर वर्ग के लोगों तक सरकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाने का काम किया है. सरकार ने गरीबों को पूजा पर्व में 10 रुपए में नये वस्त्र उपलब्ध कराने का काम किया. सरकार बिरसा हरित ग्राम योजना के तहत गांव-गांव में पौधरोपण कर राज्य को हरा भरा बनाने के साथ-साथ लोगों को आर्थिक रूप से स्वावलंबी बनाने का काम किया है. केन्द्र सरकार की सौतेले व्यवहार के कारण आज भी राज्य में 8 लाख गरीब पीएम आवास पाने से वंचित हैं. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि राज्य सरकार गरीबों को अब आबुआ आवास योजना का लाभ देगी. सरकार खेल और खिलाड़ियों को बढ़ावा देने के लिए कई निर्णायक कदम उठाए हैं. पहली बार राज्य में खेल नीति बनाई गई है. इस नीति के तहत राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में पदक हासिल करने वालों की सरकारी नौकरियों में सीधी नियुक्ति की जा रही है. शहीद पोटो हो योजना के तहत खेल मैदान विकसित किया जा रहे हैं. सिदो कान्हू क्लब के माध्यम से खिलाड़ियों के बीच खेल सामग्री वितरित करने के साथ आर्थिक मदद भी की जा रही है. हमारी कोशिश है कि खेलों के माध्यम से भी नौजवान आगे बढ़े और अपने परिवार राज्य और देश का नाम रोशन करें. जनजातीय पारंपरिक शासन व्यवस्था के पदाधिकारी मानकी -मुंडा,माझी, जोग, गोड़ेत, परगनैत आदि को सरकार आवास देगी. मुख्यमंत्री ने आज कार्यक्रम स्थल से इसकी घोषणा की. इस अवसर पर सीएम ने 5 ग्राम प्रधान के बीच मोटरसाइकिल का भी वितरण किया. मंच पर शहीद गणेश हांसदा की मां कापरा हांसदा और शहीद साबुआ हांसदा के वंशज मंगल हांसदा को शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया.
11 लाख से भी ज्यादा लाभुकों के बीच परिसंपत्तियों का हुआ वितरण
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर 11 लाख 14 हज़ार 756 लाभुकों के बीच 757 करोड़ 4 लाख 99 हज़ार 9 सौ रुपए की परिसंपत्तियों का वितरण किया. इन्हें मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना, मुख्यमंत्री पशुधन योजना, मुख्यमंत्री श्रमिक योजना, सर्वजन पेंशन योजना, धोती साड़ी योजना, सावित्रीबाई फुले किशोरी समृद्धि योजना और मुख्यमंत्री गंभीर बीमारी योजना जैसी कई कल्याणकारी योजनाओं का लाभ प्रदान किया गया.
इस मौके पर विधायक सविता महतो मंगल कालिंदी, झारखंड राज्य अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष हिदायतुल्ला खान, मुख्यमंत्री के सचिव विनय कुमार चौबे, डीआईजी के अलावा पूर्वी सिंहभूम जिले के उपायुक्त एवं वरीय पुलिस अधीक्षक समेत जिला प्रशासन के कई अधिकारी मौजूद थे.