जमशेदपुर : झारखण्ड में संथाली अकादमी का गठन, पाठ्यक्रम में संथाली भाषा को शामिल करने ओल चिकि लिपि को झारखण्ड में प्रथम राजभाषा का दर्जा दिए जाने जैसी मांगों को लेकर 4 जुलाई को आदिवासी संगठन हूल बैसी के द्वारा बुलाये गए झारखण्ड बंद का जमशेदपुर के अर्धशहरी क्षेत्रों में व्यापक असर देखने को मिला. सुबह के आठ बजे से ही आदिवासी संगठनो ने जमशेदपुर के करनडीह में विशाल रैली निकाली. यह रैली करनडीह चौक पर आकर धरना -प्रदर्शन में तब्दील हो गयी और भीड़ में शामिल सभी लोग मुख्य सड़क पर धरना पर बैठ गए. जिससे मुख्य सड़क पर आवागमन पूरी तरह से ठप्प हो चूका है और रोड पूरी तरह से जाम है. हालाँकि प्रशासन के लोगों ने प्रदर्शन कर रहे लोगों को समझाने का प्रयास किया मगर नतीजा सिफर रहा और प्रदर्शन कर रहे लोग नारेबाजी करते हुए सड़क पर बैठ गए. समाचार लिखे जाने तक आवश्यक सेवाओं को छोड़कर सभी दुकाने पूरी तरह से बंद है.
शिवभक्तों पर जानलेवा हमला, जगन्नाथपुर थाना में मामला दर्ज
चाईबासा : पश्चिमी सिंहभूम जिले के जगन्नाथपुर में सावन माह में जल चढ़ाने नोवामुंडी स्थित मुर्गामहादेव जाने के क्रम में...