संयुक्त यूनियन द्वारा अपनी मांगो को लेकर यूसिल में की गयी हड़ताल के बाद प्रबंधन खुल कर सामने आया है . कम्पनी के महाप्रबंधक कार्मिक एवं ओद्योगिक सम्बन्ध संजय कुमार शर्मा ने एक पत्रांक – UCIL/GM(I/P&IRs/CP)/101/2022 जारी कर इस मुद्दे पर कम्पनी का रुख स्पष्ट किया है .
कर्मचारियों के नाम जारी नोटिस में कहा गया है की दिनांक – 19 / 09 / 2022 को संयुक्त श्रमायुक्त धनबाद के कार्यालय में चरों यूनियनों के प्रतिनिधियों के साथ प्रबंधन की सकारात्मक बात चीत चल रही थी मगर अचानक से यूनियन के प्रतिनिधियो ने जादूगोड़ा आकर हड़ताल की घोषणा कर दी . जबकि नियमो के अनुसार किसी भी उद्योग में हड़ताल करने से पहले 14 दिनों पहले नोटिस देना होता है . नियमतः यूनियन को वार्ता विफल होने वाले दिन यानी 19 / 09 / 2022 से 14 दिनों का पूर्व नोटिस देना चाहिए था . मगर इन्होने ऐसा नहीं करके इंडस्ट्रियल डिस्प्यूट एक्ट1947 की धारा – 22 की उपधारा – 1 का उल्लंघन किया है . इसलिए कम्पनी इस हड़ताल को गैरकानूनी मानती है .
नोटिस में कहा गया है की हड़ताल अवधि के दौरान जितने कार्य दिवस का नुकसान होगा उसे हड़ताल टूटने के बाद किसी भी छुट्टी में समायोजित नहीं किया जायगा . और न ही उस अवधी का कोई वेतन या भत्ता का भुगतान किया जायगा . यह पूरी तरह से नो वर्क नो पे होगा .
इधर सुमु यूनियन के महासचिव रमेश माझी का कहना है की यह कोई पहली बार नहीं है जब भी मजदूर अपने हक़ की बात करते हैं तो प्रबंधन उन्हें इसी तरह से नोटिस करके दबाने का काम करती है . मगर इस बार हम वाजिब हक के लिए लड़ रहे हैं और उसे लेकर रहेंगे .