जमशेदपुरः आगामी 22 जनवरी को अयोध्या धाम में श्री राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा का दिन हर लिहाज़ से ऐतिहासिक बनने जा रहा है। इसके लिये देश भर में सभी वर्ग के लोगों में बेहद उत्साह और उमंग दिखाई दे रही है। यही कारण है कि श्री राम मंदिर की यह तारीख देश में आगामी महीने में लगभग 50 हज़ार करोड़ से अधिक के अतिरिक्त व्यापार का सृजन करेगी। देश में इस अतिरिक्त व्यापार की मांग को पूरा करने के लिए सभी राज्यों में व्यापारियों ने व्यापक तैयारियां कर ली हैं। यह बताते हुए कनफ़ेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय सचिव सुरेश सोंथालिया ने कहा कि इससे यह सिद्ध होता है कि सनातन अर्थव्यवस्था की जड़ें भारत में बहुत गहरी हैं। सोंथालिया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से 22 जनवरी को राम राज्य दिवस के रूप में घोषित करने का आग्रह किया है।
कैट ने बताया कि विश्व हिंदू परिषद के आह्वान पर देश भर में श्री राम मंदिर के उद्घाटन को लेकर जिस अभियान को 1 जनवरी से चलाने की घोषणा की गई है और जो उत्साह देश भर के लोगों में दिखाई दे रहा है, उसने देश के सभी राज्यों में व्यापार के बड़े अवसर दिखाई दे रहे हैं। इससे यह अनुमान लगाया जा रहा है कि आगामी जनवरी के महीने में 50 हजार करोड़ रुपये से अधिक का व्यापार होगा। सोंथालिया ने बताया कि देश के सभी बाजारों में बड़ी मात्रा में श्री राम ध्वजा, श्री राम अंग्वस्त्र सहित श्री राम के चित्र से अंकित मालाएं, मिट्टी के दीये, रुई की बत्ती, तेल घी, भजन सीडी, लॉकेट, चाबी के चले, राम दरबार के चित्र, राम मंदिर के मॉडल के चित्र, सजावटी लटकनें, कड़े सहित अनेक प्रकार का सामान उपलब्ध हैं।
उन्होंने बताया कि इस संदर्भ में विशेष रूप से श्री राम मंदिर के मॉडल की मांग बहुत अधिक है और यह मॉडल हार्डबोर्ड, पाइनवुड, लकड़ी आदि अन्य सामान से विभिन्न साइज़ में बनाए जा रहे हैं। उल्लेखनीय बात यह है कि इन मॉडल को बनाने में बड़ी संख्या में महिलाओं को रोज़गार मिल रहा है। वहीं सभी राज्यों में स्थानीय कारीगरों, कलाकारों एवं हाथ से काम करने वाले लोगों को भी बड़ा व्यापार मिल रहा है। श्री राम मंदिर का यह दिन देश में व्यापार के साथ साथ रोजगार के नये अवसर भी पैदा कर रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि बड़ी संख्या में कुर्ते, टी शर्ट एवं अन्य वस्त्र भी तैयार किए जा रहे हैं, जिन पर श्री राम मंदिर के मॉडल की हाथ से कढ़ाई हो रही है या फिर छपाई हो रही है और खास बात यह है कि मूल रूप से कुर्ते बनाने में खादी का उपयोग हो रहा है।
सोंथालिया ने बताया कि 22 जनवरी को देश भर में दिवाली मनाए जाने के आह्वान को देखते हुए मिट्टी की दीये, रंगोली बनाने हेतु विभिन्न रंग, फूलों की सजावट के लिए फूल तथा बाज़ारों एवं घरों में रोशनी करने हेतु देशी बिजली के सामान को उपलब्ध कराने वाले वर्ग को भी बड़ा व्यापार मिलने की संभावना है। वहीं देश भर में प्रचार सामग्री जिसमें सड़कों पर लगने वाले होर्डिंग, पोस्टर, बैनर, पत्रक अन्य साहित्य, स्टीकर आदि को भी बड़ा व्यापार मिलेगा।
कैट ने यह भी बताया कि श्री राम मंदिर के कारण देश भर में संगीत व्यवसाय से जुड़े लोग भी इस अभियान में व्यापार से अछूते नहीं है। बड़ी मात्रा में देश भर में श्री राम मंदिर को लेकर गीत बन रहे हैं और विशेष बात यह है कि छोटे और अनजाने गीतकार, संगीतकार एवं गायकों को काम मिल रहा है। वहीं सभी शहरों में काम कर रही ऑर्केस्ट्रा पार्टी भी श्री राम मंदिर से जुड़े कार्यक्रमों को करने के लिए पूरी तैयारियों में जुटी हैं। कैट ने कहा कि इस पूरे अभियान में सभी वर्गों को व्यापार दिलाने तथा घर घर-दुकान दुकान श्री राम का जयघोष करने हेतु कैट ने सभी राज्यों के व्यापारिक संगठनों को साथ लेकर एक बड़े समन्वय का काम अपने जिम्मे लिया है।