Mohit Kumar
दुमका : वैशाख माह के आरंभ होते ही दुमका के विश्वप्रसिद्ध बाबा बासुकीनाथ धाम में अनुष्ठान की शुरुआत हो गई है। मानव कल्याण और पूरे विश्व के प्राणियों को भीषण गर्मी की तपिश से राहत मिले, इसे लेकर बाबा बासुकीनाथ धाम में वर्षों से चली आ रही परंपरा के अनुसार बैसाखी जलधारा अनुष्ठान शुरू हो गया है। इस दौरान पूरे वैशाख माह तक मिट्टी के पांच घड़ों से निरंतर बाबा बासुकीनाथ का जलाभिषेक होता रहेगा। वैसे इसकी शुरुआत विगत 14 अप्रैल को विशु संक्रांति से ही हो गई है, जो पूरे वैशाख माह तक जारी रहेगी। बैसाखी जलधारा अनुष्ठान में प्रत्येक दिन दोपहर की विश्राम पूजा से पूर्व पांच परिवार गोस्वामी परिवार, धानुक परिवार, पंडा परिवार, पांडेय परिवार और सरकारी पुजारी परिवार के लोगों द्वारा शिवगंगा सरोवर से शीतल जल भरकर लाया जाता है।
इस महीने में सत्तू, तरबूज और घड़ा दान करना भी शुभ माना जाता है। मान्यता है कि वैशाख महीने में महादेव पर जहर का असर होने लगता है और उनके शरीर का तापमान बढ़ने लगता है। इसलिए, शिवलिंग के शीश पर मिट्टी के कलशों की गलंतिका बांधी जाती है। धर्मशास्त्र में वैशाख महीने का विशेष उल्लेख किया गया है। इस महीने में चौराहों पर प्याऊ लगाना, छायादार वृक्ष की रक्षा करना, पशु-पक्षियों के खाना और पानी की व्यवस्था करना, आध्यात्मिक दृष्टिकोण से काफी शुभ और फलकारी माना गया है। कहा जाता है कि जो भी श्रद्धालु अपने घरों में, वृक्षों में, जंगलों में, पक्षियों और पशुओं के लिए पानी की व्यवस्था कहते हैं, उन्हें पुण्य फल की प्राप्ति होती है और वैसे शिव भक्त पर भगवान शिव की विशेष कृपा बनी रहती है।