जमशेदपुर
कोरोना की संख्या में लगातार बढ़ोतरी के मद्देनजर एक तरफ सरकार कोरोना टीकाकरण के लिए हर वर्ग की आयु के लोगों लिए जागरूकता अभियान चलाकर टीकाकरण देने का काम कर रही है, वहीं दूसरी तरफ टीका ले लेने के बावजूद समय पर प्रमाण पत्र नहीं मिलने से लोग समयानुसार टीका नहीं ले पा रहे हैं। विभाग की इस लापरवाही का खामियाजा लोगों को भुगतनी पड़ रही है। ऐसा ही एक मामला सामने आया है। मामले में पीड़ित बागबेड़ा के एक उप मुखिया सुनील गुप्ता हैं।
पिछले 9 महीने से वे स्वास्थ्य मंत्री से लेकर जिला उपायुक्त, प्रखंड विकास कार्यालय का चक्कर लगाकर थक चुके हैं, मगर समय पर प्रमाण पत्र नहीं मिल पाना कहीं ना कहीं विभाग की लापरवाही एवं विभाग के पदाधिकारियों की गलती को दर्शाता है। अब इनका बूस्टर डोज लेने का समय भी हो चुका है, मगर विभाग की लापरवाही के कारण वे बूस्टर डोज नहीं ले पा रहे हैं।
जानकारी के अनुसार बागबेड़ा कॉलोनी पंचायत के उप मुखिया सुनील गुप्ता ने फ्रंट वर्कर के रूप में विगत 18 मार्च 2021 को कोविशिल्ड का पहला डोज करनडीह स्थित प्रखंड विकास कार्यालय में अपने पंचायत प्रतिनिधियों के साथ लिया था। सेकंड डोज दिनांक 16 अप्रैल 2001 को बागबेड़ा कॉलोनी रोड नंबर 5 स्थित काली मंदिर में आयोजित शिविर के दौरान लिया। आश्चर्य की बात यह है कि उन्हें पहले डोज का प्रमाण पत्र मिल चुका है मगर दूसरे डोज का प्रमाण पत्र 9 महीने के बाद भी अब तक मिला है।
पिछले दिनों उप मुखिया सुनील गुप्ता द्वारा सौंपे गए लिखित आवेदन को संज्ञान में लेते हुए सिविल सर्जन ने आनन-फानन में अपने अधीनस्थ पदाधिकारियों से सेकंड डोज लेने की तारीख 29 जनवरी 2022 को कंप्यूटर में दर्शाया है।
ऐसा कर स्वास्थ्य विभाग अपनी गलतियों पर पर्दा डालने का काम तो कर लिया, लेकिन उप मुखिया सुनील गुप्ता की परेशानी बढ़ा दी। इससे यह स्पष्ट हो रहा है कि 29 जनवरी 2022 से 9 महीना के बाद अब ये बूस्टर डोज ले सकते हैं, जबकि 16 अप्रैल 2021 को टीका ले लेने का कंप्यूटर में दर्शाना चाहिए था। बूस्टर डोज लेने का इनका अभी समय भी हो चुका है, जो इनके साथ फ्रंट वर्कर के पंचायत प्रतिनिधि ले चुके हैं। लेकिन कंप्यूटर में देखे तो अब इन्हें 9 महीना तक इंतजार करना होगा। तब बूस्टर डोज मिल पाएगा।
अब यहां सवाल यह है कि विभाग की लापरवाही का खामियाजा ये क्यों भुगतें। जब बूस्टर डोज लेने का इनका समय हो गया है तो फिर आज से लेकर 9 महीना तक का इंतजार क्यों? इस दौरान सरकार के द्वारा फिर डोज लेने के लिए कोई नया नियम आ जाएगा तो फिर ये क्या करेंगे। आप सहज ही समझ सकते हैं कि एक छोटी सी गलती इनकी जान पर भी भारी पड़ सकती है।
इस संबंध में उप मुखिया सुनील गुप्ता बताते हैं कि वे स्वास्थ्य मंत्री से लेकर संबंधित विभाग के कार्यालय के चक्कर लगाकर थक चुके हैं। स्वास्थ्य मंत्री से लेकर संबंधित विभाग के पदाधिकारी तक को लिखित आवेदन दे चुके हैं। मगर अफसोस की बूस्टर डोज लेने के समय आने के बाद भी इनको बूस्टर डोज नहीं मिल रहा है और 9 माह का पुन: इंतजार करना पड़ेगा। यह है सरकारी मशीनरी का वर्तमान में हालात। एक तरफ विभाग के पदाधिकारी घोड़ा बेचकर चैन की नींद सो रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ बूस्टर डोज लेने के लिए यह लगातार परेशान हो रहे हैं। अब देखना है कि बूस्टर डोज इनको समय पर मिल पाता है या फिर 9 माह तक फिर इंतजार करना होगा।