रांची
भारत के जाने-माने पूर्व क्रिकेट कप्तान और समर्पित पिता महिन्द्र सिंह धोनी ने जीएसके के साथ मिलकर बच्चों के लिए 6 इन 1 वैक्सीनेशन के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए हाथ मिलाया है। इस अभियान के तहत्, हाल में जारी वीडियो में एम एस धोनी बता रहे हैं कि क्रिकेट के मैदान में छक्का लगाने का जो नतीजा होता है, उसी तरह अब सिर्फ एक टीके से एक बार में ही छह रोगों से सुरक्षा मिलेगी। इस कैम्पेन के टैगलाइन में ही कंबीनेशन वैक्सीन के फायदों को भी बताया गया है, कम टीके, कम दर्द।
इस कैम्पेन के साथ जुड़ाव के बारे में, भारत के पूर्व इंटरनेशनल क्रिकेट कैप्टन, महेंद्र सिंह धोनी ने बताया, ‘बतौर पेरेन्ट्स, मेरी पत्नी और मैं हमेशा अपनी बेटी के भविष्य की मजबूत बुनियाद तैयार करने के तौर-तरीकों पर ध्यान देते आए हैं। हमारा हमेशा से यह मानना रहा है कि वैक्सीनेशन इस बुनियाद की अहम् कड़ी है। लेकिन हम दोनों के लिए यह तकलीफदेह अनुभव रहा था जब हमने अपनी बच्ची को बहुत कम उम्र में ही बार-बार टीके लगने की वजह से दर्द से कराहते देखते थे। मैं इसीलिए जीएसके से जुड़कर 6-इन-1 वैक्सीनेशन प्रोग्राम के बारे में जागरूकता बढ़ाने को लेकर काफी उत्सुक हूं। कंबीनेशन वैक्सीनेशन का फायदा यह होता है कि शिशुओं को कम इंजेक्शन दिए जाते हैं लेकिन सुरक्षा भरपूर मिलती है। यानि, उन्हें कम पीड़ा से गुजरना पड़ता है। और मुझे यकीन है कि पेरेन्ट्स भी यह मानेंगे कि हमारे बच्चों को कम दर्द होने का मतलब है हमें भी कम दर्द होना।”
6 इन 1 वैक्सीनेशन की आवश्यकता के बारे में ग्लैक्सोस्मिथक्लाइन फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड की एग्जीक्युटिव वाइस प्रेसीडेंट मेडिकल अफेयर्स डॉ रश्मि हेगड़े ने कहा की हर बच्चे का समय पर वैक्सीनेशन कराना जरूरी होता है। वैक्सीनेशन से बच्चे की इम्यून मेमोरी तैयार होती है जो उसे इन रोगों से बचाती है। 6 इन 1 वैक्सीनेशन नवजातों को 6 गंभीर रोगों से सुरक्षा प्रदान करती है। 6 इन 1 वैक्सीनेशन या हैक्सावैलेंट वैक्सीनेशन से भारत समेत दुनियाभर में लाखों नवजातों की जान बचायी जा सकी है और यह सुरक्षित तथा कारगर पायी गई है।’
6 इन 1 वैक्सीनेशन के बारे में
6 इन 1 वैक्सीनेशन से डिप्थीरिया, टिटनस, काली खांसी, पोलियो, इंफ्लुएंज़ा टाइप बी तथा हेपेटाइटिस बी से बचाव होता है। इस कंबीनेशन शॉट के बगैर, बच्चों को अधिक इंजेक्शन लेने पड़ेंगे जिनसे उन्हें ज्यादा तकलीफ और उनके अभिभावकों की भी परेशानी बढ़ सकती है ।
यह अभियान टीवी, डिजिटल वीडियो और यूट्यूब तथा एक वेबसाइट समेत पिडियाट्रिशियन के क्लीनिकों पर विभिन्न मीडिया फॉर्मेटों पर चलाया जाएगा। अभिभावकों को अपने पिडियाट्रिशियन से 6 इन 1 वैक्सीनेशन के बारे में और जानकारी के लिए सलाह करनी चाहिए।