दुमका में छात्र समन्वय समिति द्वारा आहूत 48 घंटे का झारखण्ड बंद सफल रहा. ज्ञात हो कि शनिवार को छात्र समन्वय समिति के नेतृत्व में आदिवासी व मूलवासी छात्र एवं आमलोग दुमका के महत्वपूर्ण चौक चौराहों पर उतर गए। 60:40 नियोजन नीति के मुद्दे पर बंद समर्थक काफी आक्रोशित दिखे। आर्थिक नाकेबंदी की वजह से वाहनों का परिचालन पूरी तरह से ठप है। बाजार से लेकर बस पड़ाव में सन्नाटा पसरा हुआ है। इक्के दुक्के दुकान एवं प्रतिष्ठान खुले दिखे। व्यवसायी दुकानों के बाहर वेट एंड वाच की स्थिति में दिखे। आपातकालीन सेवाएं चालू है। जगह जगह पर सुरक्षा के लिहाज से पुलिस जवान मुस्तैद है। शहर में बंद का मिलाजुला असर दिखा।
वहीं छात्र नेता आंदोलन को सफल बनाने में कोई कोर कसर नही छोड़ना चाहते। छात्र नेता के मुताबिक अगर इस आंदोलन के बाद भी सरकार अपने फैसले को वापस नही लेती तो आंदोलन का स्वरूप उग्र होगा, अनिश्चितकालीन बंदी और आर्थिक नाकेबंदी की जाएगी। रेल सेवाएं बाधित की जाएगी।
छात्र नेता श्याम देव हेम्ब्रम ने कहा कि आदिवासी और मूलवासी के मुद्दे पर राजनीति चमकाने वाली झामुमो के प्रतिनिधियों को राज्य की जनता ने बड़ी उम्मीदों के साथ सत्ता पर बैठाया था लेकिन आज झामुमो ‘बाहरियों’ को नौकरी और रेवड़ियां बांट रही है। कहा कि अब यहाँ के नौजवान व युवा ‘बाहर’ के सांसद और विधायकों को खदेड़ने का काम करेंगे।