जादूगोड़ाः विगत तीन अप्रैल को जहां एक और जादूगोड़ा मोड़ पर हिन्दू नव वर्ष मनाया जा रहा था, वहीं नरवा पहाड़ पुल पर जादूगोड़ा पुलिस की तमाम मुस्तैदी को धत्ता बता कर तीन की संख्या में आये अपराधी बड़े आराम से दिन दहाड़े गोलियां चला कर दहशत फैला रहे थे। इतना ही नहीं गोलियां चला कर बड़े आराम से सभी अपराधियों ने कार्तिक नायक नामक व्यक्ति की हीरो होंडा मोटरसाइकिल लूट ली और चलते बने। घटना को एक महीने से ऊपर हो चुके हैं, मगर पुलिस अपराधियों की परछाई तक को नहीं पकड़ पाई है, जबकि के जादूगोड़ा के थाना प्रभारी सुनील कुशवाहा ने शांति समिति की बैठक में जल्द ही अपराधियों को पकड़ने का दावा किया था।
जादूगोड़ा थाना में रामनवमी को लेकर आहूत शांति समिति की बैठक में उपस्थित सदस्यों ने तब सोचा भी नहीं होगा कि अपराधियों को नहीं पकड़ पाने की खुन्नस थाना प्रभारी उन्ही सदस्यों पर केस करके निकाल लेंगे। अब आलम ये है कि आगामी त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर जादूगोड़ा थाना प्रभारी सुनील कुमार कुशवाहा ने जादूगोड़ा थाना शांति समिति के सदस्यों पर ही 107 का परिशांति भंग करने का केस कर दिया है। इसे लेकर सदस्यों में आक्रोश है और सभी लोग जल्द ही पूर्वी सिंहभूम की उपायुक्त से मिलकर इस मामले पर थाना प्रभारी की भूमिका की शिकायत कर कारवाई करने की मांग करने वाले हैं।
जादूगोड़ा शिव मंदिर के पुजारी ददन पाण्डेय ने कहा कि उनके नाम कभी भी कोई केस दर्ज नहीं हुआ है, ऐसे में शांति भंग करने की बात कहां से आती है। इसके अलावा वे और दीपक कुमार मंडल जादूगोड़ा थाना शांति समिति के सदस्य भी हैं तब उनपर शांति भंग करने का केस करने का क्या औचित्य है? अब तो शांति समिति की बैठक में जाने से पहले सोचना होगा की कहीं फिर कोई केस न दर्ज हो जाये। यही कहना अन्य सदस्यों का भी है। बहरहाल थाना प्रभारी की कार्यशैली और क्षेत्र में लगातार बढ़ते अपराध को लेकर जल्द ही एक प्रतिनिधिमंडल पूर्वी सिंहभूम के वरीय पुलिस अधीक्षक एवं कोल्हान के पुलिस उप महानिरीक्षक से मिलकर जादूगोड़ा थाना प्रभारी को यहां से हटाने की मांग करेगा। दिन दहाड़े गोलीचालन और अपराधियों के नहीं पकडे जाने से आम जनों के साथ-साथ व्यापारियों के बीच भी भय का माहौल है।
वैसे जादूगोड़ा थाना प्रभारी बनने से पहले सुनील कुमार कुशवाहा पर बिरसानगर थाना प्रभारी रहते लॉक डाउन के दौरान एक बच्चे को तालाब में डूबा कर हत्या करने का आरोप भी लगा था। हुआ यूं था कि लॉकडाउन का समय था। 6 अप्रैल 2020 को विक्की महतो नामक युवक अपने कुछ साथियों के साथ आवश्यक सामान लाने घर से बाहर निकला था, तभी तात्कालीन बिरसानगर थाना प्रभारी सुनील कुमार कुशवाहा ने दल बल के साथ उन युवकों पर हमला कर दिया और इतना कहर बरसाया कि विक्की महतो बिरसानगर सीटू तालाब में जान बचाने के लिए कूद गया। मौके पर मौजूद थाना प्रभारी और उनकी टीम ने उस युवक को बचाने का कोई प्रयास नहीं किया। पुलिस के भय से तालाब में डूबकर उस युवक की मौत हो गयी। तब इस मामले को लेकर बहुत हंगामा हुआ था। इसके बाद तात्कालीन वरीय पुलिस अधीक्षक अनूप बिरथरे ने सुनील कुमार कुशवाहा को निलंबित कर दिया था। तब से अब तक अपनी कार्यशैली को लेकर सुनील कुशवाहा विवादों में ही चल रहे हैं।